जानिये क्या होता है मासिक

जानिये क्या होता है मासिक

सुख सागर आयुर्वेदा पिछले कई दशकों से लोगों की जटिल से जटिल बिमारियों का उपचार कर रहे हैं। हमारे वैध श्री शंकर दास बहुत ही कुशल एवं अनुभवी वैध है, जो कठिन से कठिन और पुरानी से पुरानी बिमारियों का सरलता से इलाज करते हैं। अगर आप के जीवन में कोई बीमारी है जो काफी लम्बे अरसे से चल रही है और ठीक नहीं हो पा रही है तो आप हमसे निःसकोच सम्पर्क कर सकते है।

मासिक-धर्म (Periods) स्त्रियों के शरीर में होने वाला हार्मोन (Hormone) सम्बन्धी परिवर्तन है। किशोरावस्था (Adolescence) में पहुंचने पर लड़कियों के अंडाशय इस्ट्रोजन (Ovary Estrogen) एवं प्रोजेस्ट्रोन (Progesterone) नामक हार्मोन उत्पन्न करने लगते हैं। इन हार्मोन की वजह से हर महीने में एक बार गर्भाशय (Uterus) की परत मोटी होने लगती है और वह गर्भ धारण के लिए तैयार हो जाता है। इसी बीच कुछ अन्य हार्मोन अंडाशय को एक अनिषेचित डिम्ब (Unfertilized Eggs) उत्पन्न एवं उत्सर्जित करने का संकेत देते हैं। अधिकतर लड़कियों में यह लगभग 28 दिनों के अन्तराल पर होता है।
सामान्यतः- यदि लड़की डिम्ब(Egg) के उत्सर्जन (Ejection) के आसपास यौन संबंध नहीं बनाती हैं, तो किसी शुक्राणु के डिम्ब तक पहुंच कर उसे निषेचित करने की संभावनाएं नहीं रह जाती हैं। अतः गर्भाशय की वह परत जो मोटी होकर गर्भावस्था के लिए तैयार हो रही थी, टूटकर रक्तस्राव (Bleeding) के रुप में बाहर निकल जाती है। इसे मासिक धर्म कहते हैं।

पहले पांच दिन:- चक्र के पहले दिन गर्भाशय की परत के ऊतक (Tissue), रक्त (Blood) व अनिषेचित डिम्ब(Unfertilized Eggs) योनि के रास्ते शरीर के बाहर आने लगते हैं। यह मासिक धर्म कहलाता है। 28 दिनों के मासिक चक्र में यह चरण 1 से 5 दिनों तक रहता है। पर यदि किसी का मासिक धर्म 2 दिन जितना छोटा हो या 8 दिन जितना बड़ा, तो इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, यह सामान्य है।

अगले आठ-नौ दिन:- मासिक धर्म के ख़त्म होते ही गर्भाशय की परत मोटी होना शुरू हो जाती है और दोनों में से एक अंडाशय (Ovaries), एक परिपक्व अनिषेचित डिम्ब का उत्पादन करता है। इस समय योनि (Vagina) में होने वाले स्राव में भी बदलाव महसूस किया जा सकता है। यह ज़्यादा चिपचिपा, सफ़ेद, दूधिया या धुंधला हो सकता है। यह बदलाव इस बात का संकेत हो सकते हैं कि स्त्री महीने के उर्वर (Fertile) समय में प्रवेश कर रही है। डिम्ब उत्सर्जन(Egg ejection) के ठीक पहले योनि स्राव का रंग एवं बनावट कच्चे अण्डे के सफ़ेद भाग के जैसा हो सकता है। यह स्राव चिकना एवं पारदर्शक हो सकता है जो शुक्राणु को डिम्ब तक पहुँचने में मदद करता है। मासिक धर्म चरण की तरह ही यह चरण भी 7 दिनों जितना छोटा या 19 दिनों जितना बड़ा हो जाता है।

अगले दो दिन:- डिम्ब के उत्सर्जन में अंडाशय एक परिपक्व अनिषेचित डिम्ब का उत्सर्जन करता है जो डिम्बवाही नली (Fallopian tube) में पहुँचता है। डिम्ब के उत्सर्जन के समय कुछ लड़कियाँ एवं महिलाएँ पेट या निचली पीठ के एक तरफ़ हल्का दर्द महसूस कर सकती हैं। यह भी पूरी तरह सामान्य है। डिम्ब का उत्सर्जन मासिक धर्म के पहले दिन के लगभग 14 दिन बाद होता है। इसी बीच आपके गर्भाशय (Uterus) की परत और मोटी हो जाती है।

आगे अट्ठाइसवें दिन तक:- उत्सर्जित डिम्ब डिम्बवाही नली से होता हुआ गर्भाशय तक पहुँचता है। गर्भाशय की परत डिम्ब को ग्रहण करने के लिए अधिक मोटी हो जाती है। यदि शुक्राणु (Sperm) द्वारा डिम्ब का निषेचन (Fertilization) नहीं होता है तो वह नष्ट हो जाता है। शरीर गर्भाशय की परत एवं डिम्ब को बाहर निकाल देता है और आपका मासिक धर्म शुरु हो जाता है। यदि डिम्ब (Egg) का निषेचन हो जाता है और वह गर्भाशय की दीवार से चिपक जाता है और आपका मासिक धर्म नहीं होता है तो इसका अर्थ है महिला गर्भवती (Pregnant) है। अब मासिक चक्र बच्चे के जन्म तक बंद हो जाता है। मासिक-धर्म के बिगड़ने का प्रभाव स्त्री के शरीर में कमजोरी व व्यवहार में चिड़्चिड़ापन ला देता है और भिन्न-भिन्न तरह के शारिरीक विकार हो जाते है जैसे वजन बढना, मोटापा, पैरों में दर्द, पेट व कमर में दर्द आदि जिनका समय रहते इलाज ना होने पर भयावह रोग जैसे गर्भाशय-कैंसर आदि तक उत्पन्न हो जाते हैं इस मसिक धर्मचक्र का सामान्य होना स्वास्थय के लिए आवश्यक है, अगर आपको यह महसूस होता है कि आपका मसिक धर्मचक्र असामान्य है तो आपको इसके बारे में चिकित्सक से जरूर सलाह लेनी चाहिए।

NOTE:-

अगर आप मसिक धर्मचक्र की असामान्यता या अनियमितता से पीड़ित हैं और थक चुकी हैं दवाईयां खा-खाकर, और फ़िर भी आपको आराम नहीं मिल रहा तो मजबूर होकर मत जियें। आयुर्वेद में इसका स्थायी इलाज है। हम सभी रोगों क इलाज़ हस्तनिर्मित आयुर्वेदिक द्वाईयों(Handmade Ayurvedic Medicines) से करते हैं। अतिरिक्त जानकारी के लिए आप हमें सम्पर्क कर सकते हैं, हमारे फ़ोन नम्बर वैबसाइट पर उपलब्ध हैं।

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सुख सरगर आयुर्वदा कई दसको से आयुर्वेद के दवारा लोगो का उपचार कर रही है। हमारे वैध श्री संकर दस की पिछली चार पीढ़िया आयुर्वेद के माध्यम से लोगो का उपचार कर रही है। उनका ये खानदानी काम है। आयुर्वेद की जानकारी उन्हें विरासत में मिली है।

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